27.4.14

केंद्र सरकार रक्षा लेखा कर्मचारियोंके हितोंको दबाने के लिए निरंतर न्यायालयोंके चक्कर लगा रही हैं


 केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के हितों को दबाये रखने के लिए निरंतर न्यायालयों के चक्कर लगा रही हैं जिसमे सरकार स्वयं ही फंसती जा रही हैंजिसके फलस्वरूप कर्मचारियों में अपनी ही सरकार के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है इसका खामियाजा सत्ता रुड दलों को चुनावों में भी उठाना पड़ सकता है|कमोबेशयही आरोप आज रक्षा लेखा विभाग के शीर्ष नेताओं ने लगाए |नेताओं के अनुसार विभाग द्वारा कर्मचारियों के उत्पीड़न के लिए माननीय कोर्ट की भी घोर अवमानना की जा रही है |
आयुध पथ स्थित आर टी सी हॉस्टल में अखिल भारतीय रक्षा लेखा कर्मचारी संघ[कलकत्ता] की आहत एक बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष यतीन्द्र चौधरी और महा सचिव जी पी दत्ता ने अपने सदस्यों को एक मेनिफेस्टो के रूप में अपनी एसोसिएशन की उपलब्धि+प्रतिबद्धता+समस्याओं की जानकारी दी और सदस्यता अभियान को गति देने को प्रेरित किया|यतीन्द्र चौधरी ने बताया कि पिछले वेतन आयोग की सिफारिशों पर वेतन मान नहीं देने के लिए रक्षा लेखा विभाग ने फ़ाइल डी ओ पी टी की तरफ सरका दी जहाँ से अदालत का रास्ता दिखाया गया |अदालत में हारने के बावजूद रिव्यू जैसे गड्डों में डाला जा रहा है| इससे केवल रक्षा लेखा विभाग के ही ६००० कर्मचारी प्रभावित हैं इनमे से कई तो रिटायर भी हो चुके हैं|
विभाग ने चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के साथ भी सहानुभूति नहीं दिखाई है इनके प्रोमोशन के लिए ट्रेनिंग और परीक्षा पर लगभग डेड करोड़ रूपये खर्च किये जा चुके हैं उसके बावजूद इनका रिजल्ट नहीं डिक्लेअर किया जा रहा|
अनुकम्पा मूलक आधार पर न्युक्ति के सैकड़ों मामलों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही |
सेवानिवृति के पश्चात सी एस डी कैंटीन की सुविधा समाप्त कर दी गई हैयदपि यह मामला रक्षा मंत्रालय से जुड़ा है लेकिन कर्मचारियों के हितों की पैरवी नहीं की जा रही यह मामला भी अब जबल पुर की अदालत में चल रहा है
अधीनस्थ कार्यालयों में तैनात कर्मचारियों के स्थाई पहचान पत्र नहीं बनाये जा रहे
लेखा नगर आदि आवासीय कालोनियों में रखरखाव में कोई रूचि नहीं ली जा रही यतीन्द्र चौधरी ने इन समस्यायों को जॉइंट कौंसिल आफ मेंबर्स[ JCM ] की आगामी बैठक में उठाने और सातवें वेतन आयोग के समक्ष उठाने का का आश्वासन दिया
उपाध्यक्ष करण प्रदीप ने सेवानिवृति के लिए निर्धारित तिथि में परिवर्तन की मांग की उन्होंने बताया कि वर्तमान में सभी को एक जुलाई से वेतन वृद्दि [Annual Increment] का प्रावधान हैयदि किसी कर्मचारी ने ३० जून को एक वर्ष पूरा कर लिया है और उसकी सेवा निवृति एक जुलाई से पूर्व होती है तो उसे एनुअल इन्क्रीमेंट नहीं मिलता है
बैठक में राकेश मालिक, महेंद्र सिंह, महक सिंह और सतीश ग्रोवर आदि ने भाग लिया |

Apr. 24, 2014 www.jamosNews.com

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